इक बिल्ली थी दीवानी सी
इक बिल्लू पे वो मरती थी
गुस्सा खा कर , लावा बरसा कर
बिल्लू से कहा करती थी ....
बिल्ली उवाच :
"बहुत भुलक्कड़ हो तुम साले
इक दिन मुझे भुलाओगे
मेरी पूंछ को ब्रश समझकर
उससे शेव बनाओगे "
दोहा :
बिल्लू झेंपा शर्म से , पानी बनकर फैला
हाथ जोड़कर, पूँछ दबाकर बोला "मेरी लैला.. "
बिल्लू उवाच :
"भूल हुई मुझसे बिल्ली मैं हूँ कितना शर्मिन्दा
तुम तो जानो मैं हूँ भोला , और मासूम परिंदा
लगता है पच्चीस की आयु ,मुझपर पड़ रही भारी
'फेड' हो रही है अक्कल और उड़ रही मेरी दाढी
उड़ रही मेरी दाढ़ी पर दिल सही सलामत
और दिल में तुम हो बिल्ली , तुम मेरी चाहत
भूल कभी जाता हूँ तुमको फून लगाना
और कभी वीकेंड पे तुमको यहाँ बुलाना
कभी भूलता हूँ करना तारीफ़ तुम्हारी
और कभी पिक्चर की टिकटें बुक्क कराना
नया टॉप पहने जब बिल्ली
सामने मेरे आती है
कलर- ब्लाइंड आंखें मेरी
जाने क्यूं धोखा खाती हैं
नया-नया सा कुछ लगता है
पर क्या ? पता नहीं चलता
"लुकिंग औसम” के आगे कोई
शब्द ही मुझे नहीं मिलता
वेलेंटाइन के दिन जो प्रेमी
"स्टोन मेन मर्डर” दिखलाए
मैं मानूं की ऐसा प्रेमी
किस मुहं से 'कैरिंग' कहलाए
पर मेरी भूलों का तुम कोई उल्टा अर्थ न लेना
'स्कोर्पियन ' हो, पर इस व्यथित मन से बदला तुम व्यर्थ न लेना”
(नेपथ्य में मेघ-गर्जन)
बिल्ली उवाच:
दोहा :
"झूठा आलसी बे-परवाह, झूठा तेरा प्यार
यू डोंट लव मी आई एम् श्योर ,
बिल्लू तू मक्कार "
(नेपथ्य में मेघ-गर्जन के साथ गूँज:
"यु डोंट लव मी आई एम् श्योर, डोंट टॉक टू मी एनी मोर” X बारह आवृति)
सुन कर बिल्ली के वचन ,
बिल्लू हुआ उदास
जीवन पर से उठ गया ,
बिल्लू का विश्वास
बिल्लू का विश्वास मगर है पक्का इतना
बिल्ली से है प्रेम, वो रूठे चाहे जितना
बिल्लू उवाच (पराजित भाव से):
तुम्हे मनाने को मैं सारे जतन करूँगा
सौ चूहों की बली चढ़ाकर हवन करूँगा
बिल्लू-सहस्त्र-नाम पाठ का रटन करूँगा
कार्टून नेटवर्क देखने का भी तर्पण करूँगा
पाकिस्तानी गाने भी गाना छोड़ दूंगा
बच्चों वाले चुटकुले सुनना छोड़ दूंगा
शाहरुख़ की मूर्ति पर कोकोनट फोडूंगा
धूप जला, साष्टांग-दंडवत हाथ जोडूंगा
परिक्रमा करूँ ऐश्वर्या को देवी मानूं
'बिजली' और 'मीनू ' हैं सबसे 'हॉट' ये मानूं
पिंक-फ्लोयेड है 'सैड' कहूँ
ओशो बाबा को 'मैड' कहूँ
बिल्लू कहे ये हाथ जोड़कर
किताबें फाड़ , लैपटॉप फोड़ कर
गिटार पे गीत सुनकर सुन्दर
प्रसन्न होवे बिल्ली सुनकर
मुझे लगा दो सौ-सौ गितलू
कुछ न कहूँगा
पर यदि रूठी यूँही रहोगी
सह न सकूंगा
दोहा:
"मेरे सारे काम करेगा??" शर्त वही फिर रखकर
पंजा देदे मुझको अपना , आजा पास फुदक कर
बिल्ली आजा पास फुदक कर
बिल्ली आजा पास फुदक कर
||इति||
माने :
बिल्लू : (पु. ) बिल्ली (स्रोत - हिमाचली )
व्यथित : दुखी
नेपथ्य : बिहाइंड द कर्टेन
मेघ-गर्जन : थंडरिंग
उवाच : कहा
पराजित भाव : गिव-अप मूड
तर्पण: क्विटिंग फॉर द गुड
साष्टांग दंडवत : लाइंग फ्लैट ओन द फ्लोर
परिक्रमा: चक्कर काटना
गितलू : गुदगुदी (स्रोत - हिमाचली )
स-धन्यवाद:
'बिजली' और 'मीनू’: बिल्ली की 'हॉट' सहेलियां
'स्कोर्पियन ' राशि: वह राशि जो छोटे से छोटे मतभेद को ’अत्याचार' मानती है और प्रतिकार लेने की प्रतीक्षा करती है
copyright © 2010 Yogesh Baher